बिहार में वोट प्रतिशत की गिरावट से सकते में सियासत
Lok Sabha Election 2024
अर्थप्रकाश / मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में, बिहार के चार लोकसभा सीट पर मतदान हुए हैं । 2019 के लोकसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत से इस बार का मतदान प्रतिशत में काफी गिरावट आई है । मतदान प्रतिशत में आई कमी से, बिहार की सियासत में खलबली मची हुई है । भीतर से सभी पार्टियों में उधेड़बुन की स्थिति है, बाबजूद इसके आलम यह है कि फ्रेम में दिख रही कई पार्टियों के बड़े नेता, इस गिरावट में भी मुनाफे की खुशबू पा रहे हैं । पहले चरण में बिहार की गया, नवादा, जमुई और औरंगाबाद लोकसभा सीट पर मतदान हो गए हैं । 2019 में गया में 56.16 और इस बार 52 प्रतिशत, नवादा में 2019 में 49.73 और इस बार महज 41.06, 2019 में जमुई में 55.25 और इस बार 49.03 और औरंगाबाद में 2019 में 53.63 और इस बार 49.07 प्रतिशत मतदान हुए हैं । गया से हम सेक्युलर के जीतन राम माँझी एनडीए और राजद के कुमार सर्वजीत महागठबंधन के प्रत्याशी हैं । जमुई से लोजपा (रामविलास) के निवर्तमान सांसद चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती एनडीए और राजद की अर्चना रविदास महागठबंधन की प्रत्याशी है ।
औरंगाबाद से बीजेपी के सुशील सिंह एनडीए और राजद के अभय कुशवाहा महागठबंधन के प्रत्याशी हैं । नवादा से बीजेपी ने एनडीए प्रत्याशी के रूप में नए चेहरा विवेक ठाकुर पर दाँव लगाया है जबकि राजद ने श्रवण कुशवाहा को महागठबंधन का प्रत्याशी बनाया है । सभी उम्मीदवारों की किस्मत, अब ईवीएम में बंद हो चुकी है । जाहिर तौर पर, इन चारों सीट पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है । कहीं से भी त्रिकोणीय मुकाबला की, रत्ती भर भी गुंजाईश नहीं है । ऐसे में सभी की निगाहें, मतदान प्रतिशत में हुई कमी पर अटकी हुई है । एनडीए और महागठबंधन के राग लगभग एक ही हैं । दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे पर अड़े हैं । लेकिन राजनीतिक समीक्षक इसे बेहद अलग लहजे में ले रहे हैं । कुछ समीक्षक अत्यधिक उमस और गर्मी की वजह से मतदान प्रतिशत में कमी की बात कर रहे हैं, तो कुछ समीक्षक थोपे गए प्रत्याशियों के प्रति आकर्षण की कमी को वोट प्रतिशत में गिरावट का कारण बता रहे हैं । कुछ समीक्षक की राय है कि अगड़ी जाति के मतदाता, इस चुनाव में बहुत कम रुचि ले रहे हैं और मतदान से दूर रहना चाह रहे हैं ।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, कई क्षेत्रों में कुछ विशेष वर्ग के मतदाताओं को डरा-धमका कर मतदान से वंचित भी किया गया है । बिहार में 40 लोकसभा सीट है जिसमें महज चार सीट पर मतदान हुए हैं । अभी 36 सीटों पर मतदान होना बाँकि है । लेकिन मतदान प्रतिशत में कमी आना, बेहद गम्भीर और चिंतनीय मसला है । स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए, यह खतरे की घण्टी है । नेताओं को अपने-अपने गठबंधन के प्रत्याशी की जीत भर से नाता है । लेकिन मतदान प्रतिशत में इस तरह की गिरावट से चुनाव आयोग और उन तमाम तंत्रों के लिए बड़ी चुनौती है जो मतदान प्रतिशत में इजाफे के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं । हमारी समझ से मौसम कैसा भी क्यों ना हो, मतदान हर कीमत पर करना चाहिए । मतदान करना, हमारा संवैधानिक अधिकार है ।